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कोविड-19 के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा लोगों को दी जा रही निरन्तर जानकारी:-डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह।

 सन न्यूज़ अम्बाला, 29 मई:- कोविड-19 के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग का प्रचार वाहन जिला अम्बाला के दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहा है। ग्रामीण लोगों के घर दहलीज के पास जाकर कोविड-19 से बचाव हेतु सावधानियां रखने, महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा के तहत नियमों का पालन करने आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है।   शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रचार वाहन पहुंच कर लोगों को कोविड-19 तथा महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा के तहत जानकारी दी जा रही है। जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी धर्मवीर सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को बताया जा रहा है कि कोरोना से नहीं डरना है, नियमों का पालन करना है। जीवन की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाएं, कोविड-19 संक्रमण के सम्भावित लक्षण दिखाई देने पर अपनी जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि विभाग के क्षेत्रीय अमले को पहले से ही निर्देश जारी कर लोगों को जागरूक करने के लिए फिल्ड में उतार दिया गया है, वह पूरे जोर शोर से लोगों को इस विषय के बारे निरन्तर जागरूक करने का काम कर रहें हैं।   उन्होंने

स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कोरोना महामारी से सुरक्षा हेतू भेंट की सहायता सामग्री ।

 अम्बाला शहर, 29 मई (सन न्यूज़)  महामण्डलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के सानिध्य में श्रीकृष्ण कृपा गीता मंदिर सैक्टर-8 अम्बाला शहर में आज कोरोना महामारी काल में कोरोना से सुरक्षा हेतू बहुत बड़ी मात्रा में सहायता सामग्री समाज को समर्पित की गई जिसमेंऑक्सीमीटर,स्ट्रीमर,सैनेटाईजर,मास्क,थर्मामीटर और विशेष रूप से 5 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर शामिल थे। आम जन के लिए सेवाएं समर्पित करते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि कोरोना महामारी अचानक ऐसा विकराल रूप ले लेगी इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन इस कठिन दौर में भी स्वास्थ्य कर्मियों ने दिन-रात एक करके इस महामारी से लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। साधनों के अभाव में सभी ने संकल्पित और समर्पित भाव से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभाई। स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ पर आधारित है। बात-बात में न घबराएं और न ही उकताएं । गीता का पाठ करें और निराशा से आशा की ओर बढ़े। गीता उपदेश सुनकर निराश अर्जुन भी उत्साह से भर गया था। हम भी ऐसा कर सकते हैं। इस विक